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Showing posts from July, 2025

जब कभी

जब कभी तेरी यादों से गुजरा करता हूँ, तब तभी रब से गुजारिश करता हूँ, तू रहे आबाद तुझे मिले सारी खुशियां, हर दिन तेरे लिए ही तो इबादत करता हूँ।

मेरा देश तेरा मुल्क

मेरा देश तेरा मुल्क हो गया सिंध से आते-आते भारत, हिन्द हो गया धर्म जब मज़हब बन जाये तो मेरा मंदिर तेरा मस्ज़िद हो गया।

दिल तू

सुकून छिनने वाले से ही पनाह मांगता है दिल तू कितना बेबस है उस बेवफा को आज भी अपना मानता है ख़ुदपरस्त वो तुझे कितना ठेंस पहुंचाता है दिल तू कितना बेगैरत है लात खा कर भी उसके सामने दुम हिलाता है

छठ के धूम मचल बा

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जेने देखा ओने सजल बा, बिहार में छठ के धूम मचल बा... चमका ता हो सभे घरे घर गली और गढ़ा साफ होखल बा, नदी और नहर के लहर देखा, जेने देखा छठ के धूम मचल बा। जैसे सभले समान होत सूर्य के किरण वैसे हर जात गंगा घाट पे मिलल बा गजब महिमा बा छठी मईया के, परदेश में भी सबके दिलवा में प्रदेश बसल बा, बड़ा होखे की छोटा होखे, सब सुप और दउरा चढात बा, आस्था के मोल कोई पइसा से का करी, छठ में त सब डूबता सूरज के भी पूजत बा जेने देखा ओने सजल बा बिहार में छठ के धूम मचल बा।।

तेरा तसव्वुर

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तसव्वुर करने गया सर्द हवाओं के बीच, वहाँ भी तेरी ही गर्म सांसे याद आयीं ठेस लग गई थी छत पे जाते जाते तबभी तेरा दिया दर्द और तू ही याद आयी, बार-बार तेरी यादें मेरे दिल को छिला करती हैं, अच्छा खेल ये खेला करतीं हैं आँखों में तेरी तस्वीर दिखा पहले जिया देतीं हैं..फिर इसे मुआ देतीं है ऐसा नहीं कि तेरे तसव्वुर में सिर्फ दर्द ही याद आएं, तेरा मुझसे बेपनाह प्यार करना, मुझसे दूर रह कर तेरा रात भर रोना, आक़िबत की गोद में अफ़साने बुनना, सब याद है- तेरा मुझसे भी ज्यादा मुझे प्यार करना, बेरहम वक़्त ने ऐसी करवट ली, छूट गया हमारा मिलना, तू ब्याह के चली गयी अपने पापा के कहने पर, और मैं महीनों तेरे फ़ोन के इंतज़ार में तकता रहा एक बार तू बस बता तो देती साथ में मुझको खुदके साथ रुला तो लेती, खुद चालक बन तुझे तेरे ससुराल छोड़ आता, प्यार के रिश्ते को दोस्ती में बदल जाता.. इन सर्द हवाओं से ही तेरा हाल जानना चाहा है तुझसे अकेले में बात करनी थी ठिठुरती रात में छत पे लिखने का तो बस बहाना है तू किसी दिन कम से कम एक फ़ोन तो करना, तुझसे बातें करने के लिए 14 सालों का फसाना है।