इबादत (Old Diary 26.08.2004)

तेरी मीठी बातों को हमने सुन कर जाना,
कोई कितना प्यार करता है,
तेरी आंखों में हमने देख कर जाना,
कोई कैसे दिल में उतरता है,
तुझे प्यार करके हमने जाना,
कोई क्यों किसी की इबादत करता है।

Comments

Popular posts from this blog

कच्ची मिट्टी

असभ्यता की लकीरें book26

Main girunga Phir uthunga book27