बिहार के बरबादी
जाति- जाति खेलत खेलत
होईल हालात खराब बा
फिर ना दे दियह भोट ओकरा
जो तहार खास बा
केतना पीढ़ी बरबाद हो गइल
घरे- घर बेगार बा
फिर ना दे दियह भोट ओकरा
जो तहरे जात बा।
का सोंच के भोट देले रहिनि बाबू जी
ए चाचा तू ही बता दा ना
देखा हमरा के बइठल बानी बेरोजगार
आपन मंत्री जी के कह के नोकरी दिला द ना
ये से तो एही निमन होइत
के हमरा के तू पढ़sइता ना
हमहू निकल जईsतिन दिल्ली बंबई
मजदूर बनके आखिर कमईति ना
हम त बस धोबी के कुत्ता रह गईलिन
कम्पटीशन ना निकलल त माने हम पढ़नी ना
कितना रात भर हम दीया जलईलिन
सरकारी नोकरी आखिर मिल्लस ना
ऐ हालत के हमहि खाली जिम्मेदार नईखी
तू हे सब सही नेता चुनलsह ना
आपन जात के नाम प भोट देते रहिलह
काम काज के देखलह ना
अब हम का करीं ऐ बाबूजी
ऐ चाचा तू ही बता दा ना
बिहार के ना किस्मतें खराब रहा
वो दूसरों से ज्यादा अपनो से परेशान रहा
आज़ादी के बाद 1990 तक 43 सालों में
20 मुख्यमंत्री रहें 24 बार बदलाव हुआ
उसी दौरान 5 बार राष्ट्रपति शासन भी लगा
कुर्सी के खिंचा तानी में नेताओं के मनमानी से
बिहार उस दौरान बहुत अस्थिर रहा
फिर एक जन नेता उभरा
लगा जैसे गरीबों पिछड़ो का मसीहा आया
लेकिन उसका लालटेन ऐसा जला
के बिहार जल के खांक हो गया
सारे देश में बिहारी एक गाली बन गया
रेप डकैती मड़र तो आम हो गया
फिर आये हमारे युग पुरुष
लगा जैसे बिहार में बहार वापस आएगा
लेकिन उनका उड़ता तीर हमारे ..... में घुस गया
लेकिन उनसे भी कुछ खास हो ना पाया
महत्वकांक्षाओं के इस लड़ाई में
नेताओं के बंदर बटाई में
जाति- पाति के बीच बस हमारा बिहार पिछड़ गया
बस हमारा बिहार पिछड़ गया।
जाति- जाति खेलत खेलत
होईल हालात खराब बा
फिर ना दे दियह भोट ओकरा
जो तहार खास बा
केतना पीढ़ी बरबाद हो गइल
घरे घर बेगार बा
फिर ना दे दियह भोट ओकरा
जो तहार खास बा।
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