कमबख्त दिल (Old Dairy 17.07.2004 )

"अगर हो सकता तो निकाल कर फ़ेंक देता
पर कम्बख्त दिल के बिना रह भी नहीं सकता"
दूर कहीं तुम हो ,
पास तुम रहो 
हर वक़्त तुम रहो 
इस दिल की आरज़ू है.... 
जिऊँ मैं हरपल तेरे लिए ,
इस ज़िन्दगी की आरज़ू है।

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