युगों युगों

समय की फेर में फंसा तो सूर्य भी है
लेकिन देखो कैसे वो
डूबता रहा, उगता रहा और चमकता रहा
तू ये मत भूल के तू इंसान है
युगों- युगों से कैसे तू
लड़ता रहा, जूझता रहा और उभरता रहा..

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