राजतंत्र
देखो तो कितनी महंगाई है,
एक नेता की कीमत 1 करोड़ लगाई है,
सबसे विकसित राज्य में भी
योजनाओं की बाढ़ आई है,
22 सालों में जो काम पूरा ना हुआ
उसके लिए 5 साल की और दुहाई है,
राजतंत्र का खेल ही भ्रष्ट है मित्रों,
जो शहें'शाह' आया उसने ही मलाई खाई है।
Comments