तसव्वुर करने गया सर्द हवाओं के बीच, वहाँ भी तेरी ही गर्म सांसे याद आयीं ठेस लग गई थी छत पे जाते जाते तबभी तेरा दिया दर्द और तू ही याद आयी, बार-बार तेरी यादें मेरे दिल को छिला करती हैं, अच्छा खेल ये खेला करतीं हैं आँखों में तेरी तस्वीर दिखा पहले जिया देतीं हैं..फिर इसे मुआ देतीं है ऐसा नहीं कि तेरे तसव्वुर में सिर्फ दर्द ही याद आएं, तेरा मुझसे बेपनाह प्यार करना, मुझसे दूर रह कर तेरा रात भर रोना, आक़िबत की गोद में अफ़साने बुनना, सब याद है- तेरा मुझसे भी ज्यादा मुझे प्यार करना, बेरहम वक़्त ने ऐसी करवट ली, छूट गया हमारा मिलना, तू ब्याह के चली गयी अपने पापा के कहने पर, और मैं महीनों तेरे फ़ोन के इंतज़ार में तकता रहा एक बार तू बस बता तो देती साथ में मुझको खुदके साथ रुला तो लेती, खुद चालक बन तुझे तेरे ससुराल छोड़ आता, प्यार के रिश्ते को दोस्ती में बदल जाता.. इन सर्द हवाओं से ही तेरा हाल जानना चाहा है तुझसे अकेले में बात करनी थी ठिठुरती रात में छत पे लिखने का तो बस बहाना है तू किसी दिन कम से कम एक फ़ोन तो करना, तुझसे बातें करने के लिए 14 सालों का फसाना है।