छठ के धूम मचल बा

जेने देखा ओने सजल बा, बिहार में छठ के धूम मचल बा... चमका ता हो सभे घरे घर गली और गढ़ा साफ होखल बा, नदी और नहर के लहर देखा, जेने देखा छठ के धूम मचल बा। जैसे सभले समान होत सूर्य के किरण वैसे हर जात गंगा घाट पे मिलल बा गजब महिमा बा छठी मईया के, परदेश में भी सबके दिलवा में प्रदेश बसल बा, बड़ा होखे की छोटा होखे, सब सुप और दउरा चढात बा, आस्था के मोल कोई पइसा से का करी, छठ में त सब डूबता सूरज के भी पूजत बा जेने देखा ओने सजल बा बिहार में छठ के धूम मचल बा।।