मंजिल Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 01, 2017 मुसाफ़िर यूँही चलता रहा, ना ठहरा, ना रूका मंज़िल तू हि बता ना पास मैं आया, ना दूर तू गया। Read more
बदरा Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 01, 2017 नित काली रात बदरा छुपके आये, भरल पानी लादे अहंकार का गरजाए, सावन भादो छुपाये अम्बर अपने पंख फैलाये, खोवत अस्तित्व ज्यूँ-ज्यूँ बरसत जाए। Read more