गहरे ज़ख़्म Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps April 02, 2017 गहरे ज़ख़्म भरूं कैसे, कैसे भुलाउं तेरी यादें, तेरी यादें जब भी आतीं हैं, बुझे राख भी हैं जल जाते। Read more