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जब कभी

जब कभी तेरी यादों से गुजरा करता हूँ, तब तभी रब से गुजारिश करता हूँ, तू रहे आबाद तुझे मिले सारी खुशियां, हर दिन तेरे लिए ही तो इबादत करता हूँ।

मेरा देश तेरा मुल्क

मेरा देश तेरा मुल्क हो गया सिंध से आते-आते भारत, हिन्द हो गया धर्म जब मज़हब बन जाये तो मेरा मंदिर तेरा मस्ज़िद हो गया।

दिल तू

सुकून छिनने वाले से ही पनाह मांगता है दिल तू कितना बेबस है उस बेवफा को आज भी अपना मानता है ख़ुदपरस्त वो तुझे कितना ठेंस पहुंचाता है दिल तू कितना बेगैरत है लात खा कर भी उसके सामने दुम हिलाता है

छठ के धूम मचल बा

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जेने देखा ओने सजल बा, बिहार में छठ के धूम मचल बा... चमका ता हो सभे घरे घर गली और गढ़ा साफ होखल बा, नदी और नहर के लहर देखा, जेने देखा छठ के धूम मचल बा। जैसे सभले समान होत सूर्य के किरण वैसे हर जात गंगा घाट पे मिलल बा गजब महिमा बा छठी मईया के, परदेश में भी सबके दिलवा में प्रदेश बसल बा, बड़ा होखे की छोटा होखे, सब सुप और दउरा चढात बा, आस्था के मोल कोई पइसा से का करी, छठ में त सब डूबता सूरज के भी पूजत बा जेने देखा ओने सजल बा बिहार में छठ के धूम मचल बा।।

तेरा तसव्वुर

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तसव्वुर करने गया सर्द हवाओं के बीच, वहाँ भी तेरी ही गर्म सांसे याद आयीं ठेस लग गई थी छत पे जाते जाते तबभी तेरा दिया दर्द और तू ही याद आयी, बार-बार तेरी यादें मेरे दिल को छिला करती हैं, अच्छा खेल ये खेला करतीं हैं आँखों में तेरी तस्वीर दिखा पहले जिया देतीं हैं..फिर इसे मुआ देतीं है ऐसा नहीं कि तेरे तसव्वुर में सिर्फ दर्द ही याद आएं, तेरा मुझसे बेपनाह प्यार करना, मुझसे दूर रह कर तेरा रात भर रोना, आक़िबत की गोद में अफ़साने बुनना, सब याद है- तेरा मुझसे भी ज्यादा मुझे प्यार करना, बेरहम वक़्त ने ऐसी करवट ली, छूट गया हमारा मिलना, तू ब्याह के चली गयी अपने पापा के कहने पर, और मैं महीनों तेरे फ़ोन के इंतज़ार में तकता रहा एक बार तू बस बता तो देती साथ में मुझको खुदके साथ रुला तो लेती, खुद चालक बन तुझे तेरे ससुराल छोड़ आता, प्यार के रिश्ते को दोस्ती में बदल जाता.. इन सर्द हवाओं से ही तेरा हाल जानना चाहा है तुझसे अकेले में बात करनी थी ठिठुरती रात में छत पे लिखने का तो बस बहाना है तू किसी दिन कम से कम एक फ़ोन तो करना, तुझसे बातें करने के लिए 14 सालों का फसाना है।

Vikash ki talash (विकास की तलाश)

वो कौन है जिसकी सबको है तलाश जिसपे टिकी है हर भारतवासी की आस, बहुत उम्मीदों से दिया था सबने वोट लाइन में लगकर सबने बदले हैं नोट इतना तो देश के लिए करना बनता है आखिर मंदिर में भी तो खड़े रहने पड़ता है रेलवे का किराया भी है  भैया justified नहीं तो फिर क्यों करते हो ola mein Ride Petrol desiel पे मत दो कोई advice भले गिर रहा हो विदेशी barrel ka price बलिदान तो देना होगा सभी को मित्रों तभी तो करेगा new इंडिया rise चोरी करते व्यापारियों पे थोपा जो GST तिलमिला गएं जैसे हो कोई tragedy सैकड़ों फैक्टरियां बंद हुईं लाखो हुए बेरोज़गार बस एक बार और मौका दे दो आएगा वो जिसका है सबको इंतेज़ार, युवा देश के युवाओं को है नौकरी की कमी कैसे बताएं उन्हें की गिर रहा है economy कर्ज़ में डूबी है हर किसान की लाश हो रहा है सबका मुवाब्ज़ा paas, Busy है इन सभी में अपना विकास जिसकी है हर देश वासी को तलाश वो कौन है जिसकी सबको है तलाश जिसपे टिकी हर भारतवासी की आस।। ~Prabhas

हाशिये पे ज़िन्दगी: लघुकथा

सिन्हा जी और उनकी पत्नी ता उम्र लोगो से ताना सुनते रहे कि वो दोनों बहुत ही कंजूस हैं, दो जोड़ी कपड़े उनके लिए पर्याप्त हुआ करते थे, बैंक में सरकारी नौकरी करने के बावजूद अभी तक उन...