पत्थर 50
कौन कहता है पत्थरों को दर्द नहीं होता
फिर वो आवाज़ें...वो चीखें कैसी हैं
जो निकलतीं हैं उनके तोड़े जाने पड़
वो भी तो बने हैं अणुओं से
जो जुड़े हुए हैं एक दूसरे से
ठीक उसी तरह
जैसे हम जीव बने हैं कोशिकाओं से
हाँ! ये अलग बात है कि हमारी तरह
उन्हें ज़िन्दा रहने के लिए खाना नहीं पड़ता
और अगर ये खाने पीने का मामला ना होता
तो फिर हम इंसानों और पत्थरों में
तुम ही बताओ आखिर क्या फर्क होता?
जैसे किसी पत्थर से ठेस लग जाने पड़
कभी पत्थर को रोते देखा है नहीं ना
वैसे ही हम इंसान भी किसी को ठेस पहुंचा
भला कहाँ कभी रोते हैं
लेकिन किसी को चोट पहुचाने के दौरान
आह की आवाज़ खुद से भी जरूर आती है
ठीक उन्हीं पत्थरों की तरह।
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