ख़्वाब

स्याह रातें लाल हो चुकीं हैं,
2122 212 122
हसरतें बदहाल हो चुकीं है,
2122 212 122
रोज़ मरते है कई ख़्वाब यहाँ
2122 212 22
जीस्त भी मुहाल हो चुकी है
2121 212 122

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