बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू book 5

बीच में ही भीड़ है बिल्लू
असफल हो जब तुम फर्श पे गिरोगे
तब तुम्हारे साथ कोई ना होगा
सफलता की सीढ़ी चढ़ जब शिर्ष पे रहोगे
तब भी तुम्हारे साथ कोई ना होगा
बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू

बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू
जंगल का राजा बस एक ही होता है
उसको भी बहुत संघर्ष करना पड़ता है
लड़ना पड़ता है अपनों और परायो से
वक़्त आने पे दहाड़ना भी पड़ता है
बस बीच मे ही भीड़ है बिल्लू

बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू
भेड़ चाल में ही जी सकते हो
गधे की तरह गाजर देख चल सकते हो
कोरू के बैल की तरह पिसते रहोगे
या पिंजरा तोड़ अकेले उड़ान भर सकते हो
बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू

बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू
दुनिया में अकेले ही है आना
दुनिया से अकेले ही है जाना
फिर क्यों रोना और पछताना
सबका अपना अपना है फसाना
बस बीच में ही भीड़ है बिल्लू

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