बिन लोरी book 12

बिन लोरी तुम कैसे सोये
भूखे पेट नींद कैसे आयी
वो मेरे बिहार के नौनिहालों
उठ जाओ राहत है आयी
जो गलतियाँ हुई है हमसे
उसकी ना है कोई भरपाई
अभी तो पनपा था बचपन
उनपे ये कयामत क्यों आयी
सुविधाओं के आभाव में
विपदा ने सैकड़ों जाने खायी
फिर भ्रस्टाचार की चपेट में
देखो गरीबी ने जान है गवाई
क्यों तुमने बिहार में जन्म लिया
कैसी खराब किस्मत थी पायी
माफ करना बिहार के नौनिहालों
तुम्हे बचाने राहत देर से आयी।
अश्रुपूर्ण श्रधांजलि... 'प्रभास'

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