कृष्णा book8
कष्टों में जन्म लिया तूने बाल गोपाल,
फिर भी बाल लीला करे कैसे नंदलाल,
यौवन तेरा रस भरा राधा प्रेम संजोय,
मामा कंस के डर से सारा ब्रज भयभीत होए,
वृन्दावन त्याग तू कैसे गया सब छोड़,
अधर्मी बलशाली कंस का वध कैसे लिया सोंच,
कैसे बिना शस्त्र उठाये जिताया महायुद्ध
पल पल तूने जीवन जीया जैसे जीवंत स्वरूप,
तुम ही अगम अगोचर, तुम हो अवतार रूप।
राधे राधे सब करें, ऐसा तेरा प्रभुत्व।।
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