टिके रहो!

टिके रहो के हर जीत मुमकिन है,
मुमकिन बिना नामुमकिन का भी अस्तित्व नहीं,
ना को अपने अंदर रौंद दो,
नकारात्मक लोगो से दूर रहो,
रुको नहीं बस चलते चलो
टिके रहो बस टिके रहो।।

जिस पथ पे तुम चल रहे हो वहां पहले कोई आया होगा
उस पथ को किसी ने तो बनाया होगा,
एक नवीन पथ का तुम भी निर्माण करो,
जिसपे पे अनेको युवा चल पाएं ऐसा आरम्भ करो,
रुको नहीं बस चलते चलो,
टिके रहो बस टिके रहो।।

आज में कुछ ऐसा करो के भविष्य का निर्माण हो,
भूतकाल बन जाये तुम्हारा इतिहास ऐसा प्रयास करो,
चलते हुए गिरोगे बार-बार लेकिन बस उठ जाना,
क्यों चले थे और किसके लिए ये बस याद रखो,
रुको नहीं बस चलते चलो,
टिके रहो बस टिक रहो।।

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