हंसते- हंसते book21
यूँही गुजर रही है ज़िन्दगी हंसते-हंसते,
कुछ हम पे हंसते तो कुछ पे हम हंसते,
कुछ होते हालात ऐसे की है हसना पड़ता,
कुछ तो कभी हम हालात पे हंसते,
हंसते रहो कहीं ये ज़िन्दगी बुरा ना मान जाए
काँटों भरी ही तो है बस काट दो हंसते- हंसते।
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