इश्क़ और अश्क़

इश्क़ और अश्क़ के बीच बस आ का फासला होता है,
इश्क़ का आगाज और अंजाम बस अश्क़ ही होता है

दिल मेरा तेरे इश्क़ में टूटा तो अश्क़ बहने लगें
लो चला अब मैं तेरे बिना ही ज़िन्दगी गुजारने,
हो सके तो तू मुझे कभी कहीं ना मिलना,
तुझे भुलाने में सालों साल हैं लग जाते।
तुझे भुलाने में सालों साल हैं लग जाते।।

अचानक तेरा मुझसे मिलना
उस दिन सारे खत मंगा लेना,
मुझपे ऐतेबार क्यों ना रहा तेरा,
तेरी आँखों का यूँ फरेब कर जाना,
ये दिल समझ रहा था कि कुछ तो कमी है
तेरी आँखों में देखी एक सूखी सी नमी है
लेकिन तेरे होंठों का झूठा मुस्कुराना
मेरे सवालों को अपनी बातों में उलझाना
तेरा जल्दी जाने का बहाना
वो तेरा आखरी बार पलट कर देखना
धड़कनो का खुद ब खुद बढ़ जाना
आंखों में आँसुओं का लबलाबा जाना
सारी कहानियों का फिर से गुजर जाना
बता चुका था कि है ये आखिरी दिन का मिलना
बता चुका था कि है ये आखरी दिन का मिलना

गहरे जख्म भरूँ कैसे
कैसे भुलाऊँ तेरी यादें,
तेरी यादें जब भी आतीं हैं
खुद ब खुद आँसू छलक हैं जाते
बुझे राख भी हैं जल जाते
तुझे भुलाने में सालों साल हैं लग जाते
तुझे भुलाने में सालों साल हैं लग जाते

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