ढोंग बंद करो!!!

ढोंग बंद करो की पोल खुल गया है,
पोल का वादा जुमलो में बदल गया है,
भक्तों के चढ़ावे पे इतना घमंड ना कर,
घमंड का घडा अब भर गया है।


हर-हर, घर-घर से अब थरथराइएं हैं
राम नाम से भी आराम अब ना पाएं हैं
घूंट-घूंट कर जी रहें हैं सभी
भाई-भाई थे जो कभी, आमने-सामने आयें हैं।


नोटेबंदी से बनाना था देश को cashless,
कैशलेस के चक्कर में हो गए लोग jobless,
gst से फटा ऐसा है बिल,
Fuel की कीमतों से गया है दिल भी हिल।


काला धन कहीं स्वच्छ भारत में साफ़ हो गया है ,
जन धन में धन धना धन लाइफ हो गया है,
इससे अच्छे दिन और क्या चाहिए दोस्तों,
ट्रेन और प्लेन का किराया एक समान हो गया है।

बंट रहा है फ्री गैस फिरभी किसान रो रहा है,
खाने को खाना नहीं फिरभी शौचालय बन रहा है,
एक मन की बात है बताना मित्रों,
56 इंच का सीना है फिरभी विकास नहीं हो रहा है।


जुमलेबाज़ी का पिटारा वो है
विदेश भ्रमण करने वाला भँवरा वो है
फेकना था जितना फेकू फेंक गए
जनता है जनार्दन सब जानती वो है।


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